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चंद्रमा के रोचक तथ्य | Amazing facts about Moon in Hindi



 चंद्रमा के रोचक तथ्य 
Amazing facts about Moon in Hindi
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पृथ्वी हमारे सौरमंडल का तीसरा गृह है जहाँ जीवोंके जीने के लायक उपयुक्त हालत पाया गया है।   पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा एक खगोलीय वस्तु है जो पृथ्वी के चारू और चक्कर काट रहा है।  आकार के हिसाब से चन्द्रमा सौरमंडलका पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह है और Jupiter  का उपग्रह IO  के बाद सबसे घंटवा वाला उपग्रह मन जाता।  है पृथ्वी के तरह ही चन्द्रमा कुछ मैनोमे अनोखा है।   तो चलिए जान लेते है चन्द्रमाके इसी अनोखे बातें  के बारेमे।

1.  पृथ्वीसे 384400 किलोमीटर दूरी में स्थित चन्द्रमा का Diameter  3475 किलोमीटर हैं. जो पृथ्वीका एक चौथाई बताया जाता है।  Volume  के हिसाब से पृथ्वीका volume  चन्द्रमा के मुकाबले 40 गुना ज्यादा है।  और इसका Mass  7.342 x 1022  Kg  है जो पृथ्वीका 0. 012300 बताया जाता है।    

 2.   चन्द्रमा के संगरचना के बारेमे कई तथ्य मिले जिनके मुताबिक - करीब 4. 51 बिलियन साल पहले एक बड़ा सा वस्तु जो आकर में करीब मंगल गृह का सामान बताया जाता है।  ुकि टक्कर पृथ्वी से हुआ जिनके कारन पृथ्वीके mantle  और core  भाग का एक बादसा हिस्सा कई टुकडोमे बटकर महाकाश में बिखर गया था।  इये  तिकडे बादमे पृथ्वी के Gravitational  Force  के कारन पृथ्वी के चाओ और घूमने लगा।  जो कई कड़ोरो सालो तक ठंडा होते होते एकसाथ जुड़ने बाद चन्द्रमा जइसे आकर बना।  इस चीज का प्रमाण मिलता है पृथ्वीका Mantle  और Crust  भाग , Core  के मुकाबले काम घनत्वा होने से।  इसके चलते पृथ्वी से उत्पन्न चन्द्रमाका घनत्वा भी  पृथ्वी के मुकाबले बोहोत काम माना  जाता है।      

3.   चन्द्रमाका Internal  Structure  तिन  हिस्सों में बता हुआ है - Crust  , Mantle , और Core . Core  में तिन  भ्हाग पयजाते है। 
      a ) Inner  Core  - जहाँ Solid  Iron  की तापमात्र बोहोत ज्यादा है और उसका Radius  240  किलोमीटर तक फैला हुआ है।  
       b )  Outer  Core  - जो Liquid  Iron  से बना हुआ है और इसका Radius  करीब 300 किलोमीटर है। 
       c )  Partial  Molten  Boundary  Layer  - जिसका Radius  500 किलोमीटर  है और यह Core  वाले हिस्से के ऊपर फैला हुआ है।  Core  के इसी स्ट्रक्चर के कारन Core  में Magma  Ocean  की सृस्टि हुई थी चन्द्रमा के गठन के समय  और  Magma  Ocean  के Crystallization  के कारन मेंटल का भाग गठित हुआ।  जो कठिन पत्थर  जैसेकि Igneous  Rocks  जैसा होता है।  तुलनात्मक काम घनत्ववाला Magma  Ocean  से निकला Lava  Crust  भाग में जमा हो गया जो धीरे धीरे ठंडा होते होते चन्द्रका सतह के रूप में माना जाने लगा।  चन्द्रमा से लाए गए पथरो से यह प्रमाण मिला की इसका निर्माण  Lava  से हुआ था।  

                                     इमेज सोर्स - Wikipedia 
4.   पृथ्वी से खली आंखोके द्वारा देखने के समय चन्द्रमा में कुछ काले  धब्बे दीखते है जो असलमे चन्द्रमा के गड्ढे होते है।  चन्द्रमाके सतह के ऊपर Asteroids  और Comets  कई  कड़ोरो  सालो से टकराने के कारन यह गड्ढे बने जिनकी संख्या करीब 300000 बताया जाता है।  और यह गड्ढे करीब 1 किलोमीटर तक फैले हुए हैं।  इनमे से जो  ज्यादा बड़े होते है उनको Maria  कहा जाता है।  जहाँ बैज्ञानिको को पहले पनिका जमावट लगता था।  
पृथ्वी जैसा चन्द्रमा Geological  Active  ना होने के कारन वहां कोई वतरण नहीं होता।  और नहीं कोई Volcanic  activity  नजर में अत है।  इन करने के वजह से चन्द्रमा का Surface  कभी भी परिवर्तनशील नहीं होता और गड्ढे हमेशासे एक ही  आकार मे रहते है। 

5.   हमारे चन्द्रमाका कोई विसेस वातावरण नहीं होता है।  बगैर कोई  वातावरण के कारन चन्द्रमाका सतह हमेसा Cosmic  Rays , Meteorites  और Solar  winds  जइसे तथ्यों से असुरक्षित रहता है।  लेकिन 2008 में ISRO  के द्वारा छोड़ा गया Chandrayaan 1 स्पेस क्राफ्ट से भेजे गए तथ्यों से इसके वातावरण में water  Vapor  के प्रमाण मिले।  कोई वातावरण न होने के कारन चन्द्रमा में कोई आवाज सुनाई नहीं देता. किउंकि आवाज को एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए बायु ज्यासा कोई एक माध्यम जरूरी होता है।  इन सब जयसे और भी कई चीजों के वजह से इसके उपरका अक्ष हमेशा कला दिखाई देता है। 

6.  चन्द्रमा के हर हिस्से में सुरजकी रौशनी सामान मात्रा में पढता है जिसके कारन यहाँ कभी रात दिखाई नहीं देता।  लेकिन पृथ्वी से हमेसा चन्द्रमाका एकही  तरफका सतह दिखाई देता है।  इसका कारन यह है की चन्द्रमाके अपने एक्सिस में घूमने में जितना समय लगता है उतना ही समय चन्द्रमाको पृथ्वीका चक्कर काटने में लगता है।  अगर आपको चन्द्रमाका दूसरा हिस्सा देखना हो तो आपको स्पेसक्राफ्ट से महाकाश में जाने के दौरान दिखाई पड़ेगा।  

7.   बैज्ञानिको के  मुताबिक चन्द्रमा पृथ्वीसे हर साल 3.8 cm  दूर चला जा रहा है और यह करीब 50 billion  सालो तक चलेगा।  अब जहाँ पृथ्वी का एक चक्कर काटने में चन्द्रमाको 27. 3  दिन का समय लगता है तब 47 दिनका समय लग सकता है।  

8.   हम नदी या फिर समुन्दर में जो ज्वार  और भाता देखते हैं वह चन्द्रमाके द्वारा पृथ्वीके ऊपर Gravitational  Pull  के कारन होता है।  असलमे दो Bulges यहाँ काम करती है -  एक ,पृथ्वीका जो भाग चन्द्रमा के समने होता है और दूसरा - वह विपरीत भाग जो चन्द्रमा के तरफ नहीं होता।  पृथ्वी जब घूमता है तब यह दो Bulges  भी पृथ्वीके सतह में बने महासागरके साथी घूमता है और तब ज्वर एबं भाता का सृस्टि होता है।  

9.   पृथ्वीके मुकावले चन्द्रमा में किसी भी वस्तु का वजन 1 /6  th  होता है।  मतलब आपका वजन अगर पृथ्वी में 72 Kg  हो तो चन्द्रमा में 12 Kg  होगा. किउंकि पृथ्वी के मुकावले चन्द्रमा में काम ग्रेविटी होता है। 

10.   अबतक करीब 12 इंसानो ने चन्द्रमा के सतह में पैर रखे जिनमे से सबके सब USA  के निवासी हैं।  1969 में Appollo  11 Mission  के तहत Neil  Armstrong  ने पहले चद्रमाके सतह में अपना पैर रखा और उसके बाद 1972 में Gene  Cernan  ने पैर रखे जो Apollo  17 Mission  के तहत वहां पोहोंचे थे।  हलाकि 1959 में soviet  union  का Luna  Programme  के तहत छोड़ा गया Luna  २ स्पेस क्राफ्ट चन्द्रमा में उतरने वाला पहला रोबोट था। 

11.   चन्द्रमा में कोई सठिक बायुमण्डल न होने के कारन तापमात्र बोहोतही अस्थिर होता है।  दिनमे चन्द्रमा के सतह में तापमात्र करीब 123 डिग्री सेल्सियस और रात में -233 डिग्री सेल्सियस तक पोहोंच जाता है।  

12.  Moon   में  भूकंप होने का प्रमाण मिला है जो पृथ्वी के Gravitational  Pull  के कारण होता है।  जिसे हम Moon  Quakes  कहते हैं।  यह भूकंप सतह के निचे वाले हिस्से में होता है।  और इन भूकम्पों के कारन चद्र्मा में कई दरारे भुई पैदा हो जाती है।  

13.   ऐसा सुना गया है की 1950 में cold  war  के दौरान जब USSR  और America  के बीच जब तनातनी चल रही थी तब अमेरिका  अपने सैन्य शक्ति  का प्रदर्सन करने के लिए " Project  A 119 " के तहत चन्द्रमा में Atom  Bomb  फोड़ने के तैयारी में था।  

14.   जब चंद्रग्रहण होता है तब पृथ्वी , सूरज और चन्द्रमाके बीच।उस समय पृथ्वी का साया चन्द्रमा पे पढता है।   और  सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा , पृथ्वी और सूरज के बीच आ जाता है।  तब चंद्र का साया पृथ्वी के ऊपर  पढता है।  

15.   अबतक कई  Moon  Missions  के बावजूद 1972 के बाद पिछले लगभग 41 सालो से कोई इंसान चन्द्रमा के सतह में नहीं गया।  लेकिन हालही में NASA  अपने अगले ोी एक मिशन के तहत 2019 तक फिर से चन्द्रमाके सतह में इंसानो को भेजने की तयारी कर रहा है।  

16.   दोस्तों यह माना जाता है की आजके mobile  Phone  में जितने Computing  Power  है वह Apollo  11 Moon  Mission  में इस्तेमाल किआ गे कम्प्यूटर्स से ज्यादा है।  

17.   पृथ्वी ज्यासा ही चन्द्रमाका आकार थोड़ा सा अंडा जैसा है।  लेकिन खली आँखों से हमें इसको गोल देखता है।  

18.   अबतक चन्द्रके सतह में करीब 6 झंडे लगाए गे उनमेसे अभी सिर्फ 5 खड़े हुए है।  और उन झंडो का रंग Radiation  के कारन फिंके पद गए है। 

19.   चन्द्रमा को इंसानों से पहले कछुओं ने परिक्रमा किआ था जो Russian  Space  Probe   एक  लिए भेजा  गया था।  

20.   कुछ fixed  stars  के मुकाबले पृथ्वीका एक चक्कर काटने में चन्द्रको 27.3 दिनका समय लगता है।  लेकिन पृथ्वी और चन्द्रमा Tidally  Locked  होता है इसके कारण  चन्द्रमा के  जिस भाग में सूरज की रौशनी पढ़ती है वह पृथ्वी से दिखाई देता है।  इस रौशनी पढ़ने का portion  चन्द्रमाके चक्कर लगाने के साथ साथ परिवर्तन होता है।  इसे चन्द्रमाके phase  कहते हैं जिनको कभी Full  Moon  तो कभी New  Moon  कहा जाता है।   ये phase  हर 29. 5 दिन बाद repeat  होता है. Phase  पृथ्वी के मुकाबले चन्द्रमा के एक कोण को कहा जाता है जो हर दिन बिभिन्य भागो में दिखाई देता है।  

                                                                                             इमेज सोर्स Wikipedia 

वैसेतो हमारे पृथ्वी का एक मात्रा natural  satellite  चन्द्रमाके बारेमे जितना जानेंगे उतनाही हमें हैरानी होगी।  और जितना समय मिटता जाएगा उतना हमें चन्द्रमाके बारेमे नै नै चीजों के बारेमे जननेको मिलेगा।  शायद  एकदिन ऐसाभी  आएगा जब हमें चन्द्रमाके सतह में अपना मानव बस्ती बसा सके जो Chandrayaan  1 के द्वारा पाया गया Lunar  Pole  में Lunar  water  के खोजे जाने से उम्मीद लगाया जा रहा है। 

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तो दोस्तों असा करते है यह टॉपिक आपको अच्छा  लगा है।  और अगर आपको किसी भी चीजोंके बारे में कोइहि सुग्गेशंस होतो निचे कमेंट बॉक्स में लिखके मुझे बता सकते है।  मई उसे जरूर follow  करने का प्रयास करूँगा।  तो चलिए मिलते है अगले और एक नए खोज में तबतक के लिए धन्यबाद।  


     
                                                                                                                     


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