चंद्रमा के रोचक तथ्य | Amazing facts about Moon in Hindi
चंद्रमा के रोचक
तथ्य
Amazing facts about
Moon in Hindi
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पृथ्वी हमारे सौरमंडल का तीसरा गृह है जहाँ जीवोंके जीने के लायक उपयुक्त हालत पाया गया है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा एक खगोलीय वस्तु है जो पृथ्वी के चारू और चक्कर काट रहा है। आकार के हिसाब से चन्द्रमा सौरमंडलका पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह है और Jupiter का उपग्रह IO के बाद सबसे घंटवा वाला उपग्रह मन जाता। है पृथ्वी के तरह ही चन्द्रमा कुछ मैनोमे अनोखा है। तो चलिए जान लेते है चन्द्रमाके इसी अनोखे बातें के बारेमे।
2. चन्द्रमा के संगरचना के बारेमे कई तथ्य मिले जिनके मुताबिक - करीब 4. 51 बिलियन साल पहले एक बड़ा सा वस्तु जो आकर में करीब मंगल गृह का सामान बताया जाता है। ुकि टक्कर पृथ्वी से हुआ जिनके कारन पृथ्वीके mantle और core भाग का एक बादसा हिस्सा कई टुकडोमे बटकर महाकाश में बिखर गया था। इये तिकडे बादमे पृथ्वी के Gravitational Force के कारन पृथ्वी के चाओ और घूमने लगा। जो कई कड़ोरो सालो तक ठंडा होते होते एकसाथ जुड़ने बाद चन्द्रमा जइसे आकर बना। इस चीज का प्रमाण मिलता है पृथ्वीका Mantle और Crust भाग , Core के मुकाबले काम घनत्वा होने से। इसके चलते पृथ्वी से उत्पन्न चन्द्रमाका घनत्वा भी पृथ्वी के मुकाबले बोहोत काम माना जाता है।
3. चन्द्रमाका Internal Structure तिन हिस्सों में बता हुआ है - Crust , Mantle , और Core . Core में तिन भ्हाग पयजाते है।
a ) Inner Core - जहाँ Solid Iron की तापमात्र बोहोत ज्यादा है और उसका Radius 240 किलोमीटर तक फैला हुआ है।
b ) Outer Core - जो Liquid Iron से बना हुआ है और इसका Radius करीब 300 किलोमीटर है।
c ) Partial Molten Boundary Layer - जिसका Radius 500 किलोमीटर है और यह Core वाले हिस्से के ऊपर फैला हुआ है। Core के इसी स्ट्रक्चर के कारन Core में Magma Ocean की सृस्टि हुई थी चन्द्रमा के गठन के समय और Magma Ocean के Crystallization के कारन मेंटल का भाग गठित हुआ। जो कठिन पत्थर जैसेकि Igneous Rocks जैसा होता है। तुलनात्मक काम घनत्ववाला Magma Ocean से निकला Lava Crust भाग में जमा हो गया जो धीरे धीरे ठंडा होते होते चन्द्रका सतह के रूप में माना जाने लगा। चन्द्रमा से लाए गए पथरो से यह प्रमाण मिला की इसका निर्माण Lava से हुआ था।
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4. पृथ्वी से खली आंखोके द्वारा देखने के समय चन्द्रमा में कुछ काले धब्बे दीखते है जो असलमे चन्द्रमा के गड्ढे होते है। चन्द्रमाके सतह के ऊपर Asteroids और Comets कई कड़ोरो सालो से टकराने के कारन यह गड्ढे बने जिनकी संख्या करीब 300000 बताया जाता है। और यह गड्ढे करीब 1 किलोमीटर तक फैले हुए हैं। इनमे से जो ज्यादा बड़े होते है उनको Maria कहा जाता है। जहाँ बैज्ञानिको को पहले पनिका जमावट लगता था।
पृथ्वी जैसा चन्द्रमा Geological Active ना होने के कारन वहां कोई वतरण नहीं होता। और नहीं कोई Volcanic activity नजर में अत है। इन करने के वजह से चन्द्रमा का Surface कभी भी परिवर्तनशील नहीं होता और गड्ढे हमेशासे एक ही आकार मे रहते है।
5. हमारे चन्द्रमाका कोई विसेस वातावरण नहीं होता है। बगैर कोई वातावरण के कारन चन्द्रमाका सतह हमेसा Cosmic Rays , Meteorites और Solar winds जइसे तथ्यों से असुरक्षित रहता है। लेकिन 2008 में ISRO के द्वारा छोड़ा गया Chandrayaan 1 स्पेस क्राफ्ट से भेजे गए तथ्यों से इसके वातावरण में water Vapor के प्रमाण मिले। कोई वातावरण न होने के कारन चन्द्रमा में कोई आवाज सुनाई नहीं देता. किउंकि आवाज को एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए बायु ज्यासा कोई एक माध्यम जरूरी होता है। इन सब जयसे और भी कई चीजों के वजह से इसके उपरका अक्ष हमेशा कला दिखाई देता है।
6. चन्द्रमा के हर हिस्से में सुरजकी रौशनी सामान मात्रा में पढता है जिसके कारन यहाँ कभी रात दिखाई नहीं देता। लेकिन पृथ्वी से हमेसा चन्द्रमाका एकही तरफका सतह दिखाई देता है। इसका कारन यह है की चन्द्रमाके अपने एक्सिस में घूमने में जितना समय लगता है उतना ही समय चन्द्रमाको पृथ्वीका चक्कर काटने में लगता है। अगर आपको चन्द्रमाका दूसरा हिस्सा देखना हो तो आपको स्पेसक्राफ्ट से महाकाश में जाने के दौरान दिखाई पड़ेगा।
7. बैज्ञानिको के मुताबिक चन्द्रमा पृथ्वीसे हर साल 3.8 cm दूर चला जा रहा है और यह करीब 50 billion सालो तक चलेगा। अब जहाँ पृथ्वी का एक चक्कर काटने में चन्द्रमाको 27. 3 दिन का समय लगता है तब 47 दिनका समय लग सकता है।
8. हम नदी या फिर समुन्दर में जो ज्वार और भाता देखते हैं वह चन्द्रमाके द्वारा पृथ्वीके ऊपर Gravitational Pull के कारन होता है। असलमे दो Bulges यहाँ काम करती है - एक ,पृथ्वीका जो भाग चन्द्रमा के समने होता है और दूसरा - वह विपरीत भाग जो चन्द्रमा के तरफ नहीं होता। पृथ्वी जब घूमता है तब यह दो Bulges भी पृथ्वीके सतह में बने महासागरके साथी घूमता है और तब ज्वर एबं भाता का सृस्टि होता है।
9. पृथ्वीके मुकावले चन्द्रमा में किसी भी वस्तु का वजन 1 /6 th होता है। मतलब आपका वजन अगर पृथ्वी में 72 Kg हो तो चन्द्रमा में 12 Kg होगा. किउंकि पृथ्वी के मुकावले चन्द्रमा में काम ग्रेविटी होता है।
10. अबतक करीब 12 इंसानो ने चन्द्रमा के सतह में पैर रखे जिनमे से सबके सब USA के निवासी हैं। 1969 में Appollo 11 Mission के तहत Neil Armstrong ने पहले चद्रमाके सतह में अपना पैर रखा और उसके बाद 1972 में Gene Cernan ने पैर रखे जो Apollo 17 Mission के तहत वहां पोहोंचे थे। हलाकि 1959 में soviet union का Luna Programme के तहत छोड़ा गया Luna २ स्पेस क्राफ्ट चन्द्रमा में उतरने वाला पहला रोबोट था।
11. चन्द्रमा में कोई सठिक बायुमण्डल न होने के कारन तापमात्र बोहोतही अस्थिर होता है। दिनमे चन्द्रमा के सतह में तापमात्र करीब 123 डिग्री सेल्सियस और रात में -233 डिग्री सेल्सियस तक पोहोंच जाता है।
12. Moon में भूकंप होने का प्रमाण मिला है जो पृथ्वी के Gravitational Pull के कारण होता है। जिसे हम Moon Quakes कहते हैं। यह भूकंप सतह के निचे वाले हिस्से में होता है। और इन भूकम्पों के कारन चद्र्मा में कई दरारे भुई पैदा हो जाती है।
13. ऐसा सुना गया है की 1950 में cold war के दौरान जब USSR और America के बीच जब तनातनी चल रही थी तब अमेरिका अपने सैन्य शक्ति का प्रदर्सन करने के लिए " Project A 119 " के तहत चन्द्रमा में Atom Bomb फोड़ने के तैयारी में था।
14. जब चंद्रग्रहण होता है तब पृथ्वी , सूरज और चन्द्रमाके बीच।उस समय पृथ्वी का साया चन्द्रमा पे पढता है। और सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा , पृथ्वी और सूरज के बीच आ जाता है। तब चंद्र का साया पृथ्वी के ऊपर पढता है।
15. अबतक कई Moon Missions के बावजूद 1972 के बाद पिछले लगभग 41 सालो से कोई इंसान चन्द्रमा के सतह में नहीं गया। लेकिन हालही में NASA अपने अगले ोी एक मिशन के तहत 2019 तक फिर से चन्द्रमाके सतह में इंसानो को भेजने की तयारी कर रहा है।
16. दोस्तों यह माना जाता है की आजके mobile Phone में जितने Computing Power है वह Apollo 11 Moon Mission में इस्तेमाल किआ गे कम्प्यूटर्स से ज्यादा है।
17. पृथ्वी ज्यासा ही चन्द्रमाका आकार थोड़ा सा अंडा जैसा है। लेकिन खली आँखों से हमें इसको गोल देखता है।
18. अबतक चन्द्रके सतह में करीब 6 झंडे लगाए गे उनमेसे अभी सिर्फ 5 खड़े हुए है। और उन झंडो का रंग Radiation के कारन फिंके पद गए है।
19. चन्द्रमा को इंसानों से पहले कछुओं ने परिक्रमा किआ था जो Russian Space Probe एक लिए भेजा गया था।
20. कुछ fixed stars के मुकाबले पृथ्वीका एक चक्कर काटने में चन्द्रको 27.3 दिनका समय लगता है। लेकिन पृथ्वी और चन्द्रमा Tidally Locked होता है इसके कारण चन्द्रमा के जिस भाग में सूरज की रौशनी पढ़ती है वह पृथ्वी से दिखाई देता है। इस रौशनी पढ़ने का portion चन्द्रमाके चक्कर लगाने के साथ साथ परिवर्तन होता है। इसे चन्द्रमाके phase कहते हैं जिनको कभी Full Moon तो कभी New Moon कहा जाता है। ये phase हर 29. 5 दिन बाद repeat होता है. Phase पृथ्वी के मुकाबले चन्द्रमा के एक कोण को कहा जाता है जो हर दिन बिभिन्य भागो में दिखाई देता है।
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वैसेतो हमारे पृथ्वी का एक मात्रा natural satellite चन्द्रमाके बारेमे जितना जानेंगे उतनाही हमें हैरानी होगी। और जितना समय मिटता जाएगा उतना हमें चन्द्रमाके बारेमे नै नै चीजों के बारेमे जननेको मिलेगा। शायद एकदिन ऐसाभी आएगा जब हमें चन्द्रमाके सतह में अपना मानव बस्ती बसा सके जो Chandrayaan 1 के द्वारा पाया गया Lunar Pole में Lunar water के खोजे जाने से उम्मीद लगाया जा रहा है।
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तो दोस्तों असा करते है यह टॉपिक आपको अच्छा लगा है। और अगर आपको किसी भी चीजोंके बारे में कोइहि सुग्गेशंस होतो निचे कमेंट बॉक्स में लिखके मुझे बता सकते है। मई उसे जरूर follow करने का प्रयास करूँगा। तो चलिए मिलते है अगले और एक नए खोज में तबतक के लिए धन्यबाद।
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