शुक्र ज्वालामुखी का घर | Amazing Facts about Venus in Hindi
शुक्र ज्वालामुखी का घर
Amazing
Facts about Venus in Hindi
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Venus या फिर शुक्र रात के आकाश का सबसे चमकीला वस्तु और सौरमण्डल दूसरा स्थलीय ग्रह है। पृथ्वी जयेसा सामान आकर और द्रव्यमान (Mass) होने के काकरण Venus को पृथ्वी का सिस्टर प्लेनेट बोलै जाता है। कई मानव संस्कृतिओ में Venus को सुबह या फिर शाम का तारा के नाम से भी जाना जाता है। मानब इतिहास में अबतक का सबसे प्राचीन खोज कार्यो में से से Venus को गिना जाता है। सौरमण्डल के सबसे गरम ग्रहो में से एक मने जाने वाले Venus का कोई चन्द्रमा (natural satellite ) नहीं है। इसके सतह के बारे में जितने जानकारी मिली वह 1962 और 1970 में छोड़ा गया मरिनर 2 और वेनेरा 7 नामके दो स्पेसक्रॉफ्टो से पता लग पाया। ऐसे और भी कई बातें इस ग्रह के साथ जुडी होइ है जो शायद आपको मालूम नहो। तो चलिए देख लेते है Venus के बारेमे कुछ अमेजिंग बातें -
1. वेनु ग्रह का नाम रोम के प्यार और सुंदरता की देवी ' Venus ' पे रखा गया है।
2. Venus के सतह में ज्यादातर ज्वालमुखिओ से भरा हुआ है जिसकी जानकारी मिली 1978 में छोड़ा गयापायनियर Venus नाम के स्पेसक्राफ्ट से। 1960 दशक के दौरान Soviet संघ के द्वारा छोड़ा गया
Venera 1 और Venera 2 स्पेसक्रॉफ्टो से इसके सतह में बिजली चमकने का प्रमाण मिला जो ज्वालमुखिओ के फटने से उत्पन्न हुआ था। Venus में करीब 167 ज्वालमुखियका ज्वालमुखिओ का प्रमाण मिल पाया है। जो करीब 100 किलोमीटर तक फैले हुए हैं। सतह में पाए जाने वाले ज्वालमुखिओ में सबसे ऊँचा है मैक्सवेल मोन्टेस जिसकी ऊंचाई करीब 8. 8 किलोमीटर है। और ऊंचाई के मुकाबले इसे धरती में बने माउंट एवेरेस्ट से भी ऊँचा माना गया है। 2008 - 09 के दौरान यूरोपियन स्पेस एजेंसी के द्वारा छोड़ा गया Venus Express नामके स्पेस क्राफ्ट से rift zone - Ganis Chasma में बने 4 hotspot के बारेमे पता लग पाया। यह hotspot असल में लावा से भरे सतह को मन जाता है - जोकि ज्वालमुखिओ के फटने से निकलता है। लावा से सतह भरे होने के कारन सतह का तापमात्रा करीब ४६७ डिग्री सेल्सियस हो जाता है। इन परिस्थितिओ को देखते हुए बैज्ञानिको को इतना अंदाजा लग चूका थाके Venus में ईन्सानो का जिन्दा रहना नामुमकिन है और इसके कारन भविस्य में वहां मानव बस्ती बसने का तो फ़िलहाल होए संभावना नहीं लग रहा। Venus में हजारो Craters भरे हैं जिन्हे हम गड्ढे बोल सकते हैं। सतह में बने Craters ज्यादातर स्थिर और संगरक्षित है। जो करीब 300 से 600 मिलियन सालो से धीरे धीरे बनते आरहे हैं। चन्द्रमा और पृथ्वीमे बने गड्ढे ज्यादातर कई सालो से अपक्षरण (Erosion) के चलते घटते जाते हैं लेकिन Venus में बने Craters में ज्यादा परिवर्तन नहीं आता और सतह स्थिर रहता है। Venus में बने ज्यादातर Craters करीब 3 किलोमीटर तक फैले हुए हैं।
3. Venus के इन्टर्नल स्ट्रक्चर के बारे में अबतक ज्यादा पता नहीं लग पाया है। Seismic Data और मूमेंट ऑफ़ इनरसिआ के बिना किसी भी गृह में केंद्र के स्ट्रक्चर के बारे में पता नहीं लगा जा सकता। फिरभी पृथ्वी के सामान Venus भी Core, Mantle और Crust यह तीन भागो में बटा हुआ है। सतह में पानी ना होने के कारन और सूरज की रौशनी Cyclonic Process में लगातार पड़ते रहने के कारन Venus का सतह इतना गरम हो चूका है। अब ज्यादा गर्म होने के कारन केंद्र में बने Magnetic Field का प्रभाव भी काम हो जाता है। पृथ्वी और Venus में एक सबसे बड़ा अंतर यह है की Venus में Tectonic Plates का कोई भी प्रमाण ना मिल पाना।
4. Venus का वातावरण सबसे ज्यादा घनत्व वाला बताया जाता है। जहाँ 96.5 % कार्बन डाइऑक्साइड, 3.5 % नाइट्रोजन, और सबसे खतरनाक सल्फर डाइऑक्साइड पाया गया है। यह सब पता लग पाया 1978 में नासा के द्वारा छोड़ा गया Pioneer Venus Orbiter स्पेसक्रॉफ्ट से. सतह के ऊपर सल्फर डाइऑक्साइड से बने बादलो के के वजह से एक अजीब सा गंध आनेका अनुमान लगाया जा रहा है। यहाँ के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होने के कारन यहाँ Green house Effect ज्यादा है। यही एक कारणों में से एक है जिसके चलते Venus के सतह का तापमात्र 467 डिग्री सेल्सियस तक पोहोंच जाता है।
5. सूरज से 108 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित Venus को सूरज का एक चक्कर काटने में करीब 225 दिन का समय लगता है। और अपने एक्सिस में घूमने में करीब 243 दिन का समय लगता है। अपने Axis में इतना धीमा घूमने के कारन Venus में एक दिन करीब पृथ्वी के117 दिनों के बराबर होता है। Venus और Uranus ऐसे दो गृह है जो अन्य ग्रहो के मुकाबले सूरजका उल्टा चक्कर काटता है - मतलब पूर्व से पश्चिम के और होता है।
अब बात करलेते है कुछ साधारण Facts के बारे में -
Venera 1 और Venera 2 स्पेसक्रॉफ्टो से इसके सतह में बिजली चमकने का प्रमाण मिला जो ज्वालमुखिओ के फटने से उत्पन्न हुआ था। Venus में करीब 167 ज्वालमुखियका ज्वालमुखिओ का प्रमाण मिल पाया है। जो करीब 100 किलोमीटर तक फैले हुए हैं। सतह में पाए जाने वाले ज्वालमुखिओ में सबसे ऊँचा है मैक्सवेल मोन्टेस जिसकी ऊंचाई करीब 8. 8 किलोमीटर है। और ऊंचाई के मुकाबले इसे धरती में बने माउंट एवेरेस्ट से भी ऊँचा माना गया है। 2008 - 09 के दौरान यूरोपियन स्पेस एजेंसी के द्वारा छोड़ा गया Venus Express नामके स्पेस क्राफ्ट से rift zone - Ganis Chasma में बने 4 hotspot के बारेमे पता लग पाया। यह hotspot असल में लावा से भरे सतह को मन जाता है - जोकि ज्वालमुखिओ के फटने से निकलता है। लावा से सतह भरे होने के कारन सतह का तापमात्रा करीब ४६७ डिग्री सेल्सियस हो जाता है। इन परिस्थितिओ को देखते हुए बैज्ञानिको को इतना अंदाजा लग चूका थाके Venus में ईन्सानो का जिन्दा रहना नामुमकिन है और इसके कारन भविस्य में वहां मानव बस्ती बसने का तो फ़िलहाल होए संभावना नहीं लग रहा। Venus में हजारो Craters भरे हैं जिन्हे हम गड्ढे बोल सकते हैं। सतह में बने Craters ज्यादातर स्थिर और संगरक्षित है। जो करीब 300 से 600 मिलियन सालो से धीरे धीरे बनते आरहे हैं। चन्द्रमा और पृथ्वीमे बने गड्ढे ज्यादातर कई सालो से अपक्षरण (Erosion) के चलते घटते जाते हैं लेकिन Venus में बने Craters में ज्यादा परिवर्तन नहीं आता और सतह स्थिर रहता है। Venus में बने ज्यादातर Craters करीब 3 किलोमीटर तक फैले हुए हैं।
3. Venus के इन्टर्नल स्ट्रक्चर के बारे में अबतक ज्यादा पता नहीं लग पाया है। Seismic Data और मूमेंट ऑफ़ इनरसिआ के बिना किसी भी गृह में केंद्र के स्ट्रक्चर के बारे में पता नहीं लगा जा सकता। फिरभी पृथ्वी के सामान Venus भी Core, Mantle और Crust यह तीन भागो में बटा हुआ है। सतह में पानी ना होने के कारन और सूरज की रौशनी Cyclonic Process में लगातार पड़ते रहने के कारन Venus का सतह इतना गरम हो चूका है। अब ज्यादा गर्म होने के कारन केंद्र में बने Magnetic Field का प्रभाव भी काम हो जाता है। पृथ्वी और Venus में एक सबसे बड़ा अंतर यह है की Venus में Tectonic Plates का कोई भी प्रमाण ना मिल पाना।
4. Venus का वातावरण सबसे ज्यादा घनत्व वाला बताया जाता है। जहाँ 96.5 % कार्बन डाइऑक्साइड, 3.5 % नाइट्रोजन, और सबसे खतरनाक सल्फर डाइऑक्साइड पाया गया है। यह सब पता लग पाया 1978 में नासा के द्वारा छोड़ा गया Pioneer Venus Orbiter स्पेसक्रॉफ्ट से. सतह के ऊपर सल्फर डाइऑक्साइड से बने बादलो के के वजह से एक अजीब सा गंध आनेका अनुमान लगाया जा रहा है। यहाँ के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होने के कारन यहाँ Green house Effect ज्यादा है। यही एक कारणों में से एक है जिसके चलते Venus के सतह का तापमात्र 467 डिग्री सेल्सियस तक पोहोंच जाता है।
5. सूरज से 108 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित Venus को सूरज का एक चक्कर काटने में करीब 225 दिन का समय लगता है। और अपने एक्सिस में घूमने में करीब 243 दिन का समय लगता है। अपने Axis में इतना धीमा घूमने के कारन Venus में एक दिन करीब पृथ्वी के117 दिनों के बराबर होता है। Venus और Uranus ऐसे दो गृह है जो अन्य ग्रहो के मुकाबले सूरजका उल्टा चक्कर काटता है - मतलब पूर्व से पश्चिम के और होता है।
VENUS
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Orbital period :
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224.701 d
0.615198 earth yr
1.92 Venus solar day
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Surface area :
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4.6023×108 km2
0.902 Earths
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Volume :
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9.2843×1011 km3
0.866 Earths
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Mass :
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4.8675×1024 kg
0.815 Earths
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Average orbital speed :
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35.02 km/s
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Satellites :
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None
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अब बात करलेते है कुछ साधारण Facts के बारे में -
- Venus का diameter 12103.6 किलोमीटर है जो पृथ्वी के मुकाबले सिर्फ 638 . 4 किलोमीटर काम है।
- Venus का Atmospheric Pressure पृथ्वी के मुकाबले 92 गुना ज्यादा बताया जाता है।
- सौरमंडल का छटवा सबसे बड़ा और दूरी के मामले में सूरज से दूसरा सबसे नजदीक वाला रह Venus को कहा जाता है।
- Venus का Orbital speed करीब 35 किलोमीटर पर सेकंड है।
- सूरज से Venus तक रौशनी पोहोंचने में करीब 6 मिनट का समय लगता है।
- पृथ्वी के साथ कुछ समानताए पाए जाने पे वेणुस को पृथ्वी का Sister Planet भी कहा जाता है। पृथ्वी से Venus की दूरी 40 मिलियन किलोमीटर है।
- अगर पृथ्वी में आपका वजन 100 pounds (lbs) होतो Venus में आपका वजन 80 pounds (lbs) होगा।
- पृथ्वी के बाद अगर किसी अन्य गृह में सबसे ज्यादा खोज कार्य चला है तो वह है Venus . आपतक करीब 40 से ज्यादा space missions Venus के उपन किआ जा चूका है।
- पुरे सौरमंडल में सिर्फ Venus का ऑर्बिट (कक्षापथ) सर्कुलर होता है।
- Venus या फिर शुक्र ग्रह का कोई चन्द्रमा और चारू और फैले होए रिंगके बारे में कोई प्रमाण नहीं मिले।
- शुक्र एक ऐसा ग्रह है जिसे Rome के किसी देवी के नाम पे रखा गया है। (Roman Goddess of love and beauty)
- 1966 में Venus पे उतारा गया Venera 3 spacecraft सबसे पहला मानव निर्मित spacecraft था।
- सल्फर डाइऑक्साइड से बने बादलो के कारन Venus के सतह में उतरने पर आपको सूरज या फिर किसीभी पारकर के टारे और ग्रहो को दिखाई नहीं देगा।
- आएसा मन जाता है के शुक्रवार को Venus या फिर शुक्र ग्रह का प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है।
- पुरे सौरमंडल में शुक्र ग्रह को आकार के हिसाब से सबसे गोल माना जाता है।
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